ओके गूगल बोलकर हम और आप जो कुछ भी पूछते हैं जरूरी नहीं है कि वो आपके और आपके फोन के बीच में ही है. गूगल में बैठे कर्मचारी भी सुन सकते हैं... खुद गूगल ने इस बात को कबूल किया है गूगल के कर्मचारी भी सुन सकते हैं... ये तो पता भी नहीं चलता अगर संसदीय स्थाई समिति के सामने सोशल मीडिया और इंटरनेट कंपनियों की पेशी ना हो रही होती.
Google का voice assistant जिसमे हम ok google बोल कर जो जानकारी चाहते थे वो मिल जाती थी और गड़बड़ी भी यही से हुई
कैसे हुई गड़बड़ी ok google बोलकर जो भी सवाल आप पूछते या search करते है वो जरुरी नहीं आपके और आपके phone के बीच में ही रहे google के कर्मचारी भी उसे सुन सकते है और सुनते है ये खुलासा खुद google ने किया है
google ने ये स्वीकार किया है हाँ ऐसा होता है यानी की जो users google voice assistant का इस्तेमाल करते है उनकी बातो को सुना भी जाता है और सुनने वाला कोई और नहीं कर्मचारी खुद सुनते है
इस बात का खुलासा होता ही नहीं अगर एक बैठक ना होती और उस बैठक में google से सवाल ना पूछे गए होते
कैसे हुआ खुलासा
दरअसल केंद्रीय IIT ministry की बैठक में और social media platform के दुरूपयोग लेकर चर्चा थी संसदीय समिति ने google के कुछ services पर जताया था संदेह google ने ये स्वीकार किया हम अपने users की कुछ बातो को सुनते है
google ने ये कहा की हम अपने users की सारी बाते नहीं सुनते है सिर्फ कुछ ही बात सुनते है
google का कहना है की जो सवेंदनशील बाते होती है वो तो हम सुनते ही नहीं है
अब सवेंदनशील और नार्मल बातो में google कैसे diffrence पता करता है
जब ये सवाल पूछा गया तो google ने इस पर चुप्पी साध ली
america की संसद में इस मुद्दे पर सवाल भी उठा और केस भी हुआ अब सवाल ये है की
भारत में क्या ऐसा कोई नियम है जो इन पर लगाम लगा सके
भारत के information technology act 2000 में ऐसा कोई जिक्र नहीं है की tech company अपने users की सारी बात सुने
इन सारी बातो का ध्यान रखे जब आप google voice assistant का इस्तेमाल करे क्या पता आपकी बातें कोण सुन रहा हो अपनी प्राइवेट बातें फ़ोन के सामने ना करे क्यूंकि अब फ़ोन के अपने कान है आपका सारा डाटा लीक हो सकता है ऐसे में आपकी privacy और खतरे में पड़ सकती है google voice assistant का विवाद जल्द से जल्द ख़त्म हो जैसे ही ये होगा हम आपको और अपडेट देते रहेंगे
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